महागठबंधन को चुनाव में 110 सीटें मिली है, ऐसे में जादूई आंकड़े को छूने के लिये 12 विधायकों की जरुरत है, पार्टी सूत्र का दावा है कि मुकेश सहनी और मांझी के पास 4-4 विधायक हैं, जबकि ओवैसी के पास 5 विधायक हैं।
बिहार चुनाव परिणाम में भले ही महागठबंधन बहुमत के जादूई आंकड़े को नहीं छू पाई, लेकिन तेजस्वी यादव ने अभी मुख्यमंत्री बनने की आस नहीं छोड़ी है, राजद नेता इसके लिये एनडीए के दो छोटे घटक दलों से संपर्क में है। पार्टी सूत्रों का दावा है कि राजद ने विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश साहनी और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी से संपर्क में है, सूत्र ने स्वीकार किया है कि राजद को अब तक कोई पॉजिटिव रिस्पॉन्स नहीं मिला है, लेकिन पार्टी का कहना है कि उनके लिये हमारे दरवाजे खुले रहेंगे, मुकेश साहनी और मांझी डिप्टी सीएम बनना चाहते हैं, तो हमारे पास आएं।
12 विधायकों की जरुरत
आपको बता दें कि महागठबंधन को चुनाव में 110 सीटें मिली है, ऐसे में जादूई आंकड़े को छूने के लिये 12 विधायकों की जरुरत है, पार्टी सूत्र का दावा है कि मुकेश सहनी और मांझी के पास 4-4 विधायक हैं, जबकि ओवैसी के पास 5 विधायक हैं, ये तीनों मिलते हैं, तो आसानी से महागठबंधन की सरकार बन सकती है। साहनी और मांझी चुनाव से ठीक पहले महागठबंधन का साथ छोड़ एनडीए में शामिल हुए हैं।
खुद चुनाव हारे साहनी
वीआईपी प्रमुख मुकेश साहनी खुद इस बार सिमरी बख्तियारपुर सीट से चुनाव हार गये हैं, वहीं जीतन राम मांझी की पार्टी को चार सीटों पर सफलता मिली है, राजद के एक सूत्र ने कहा कि प्रयास करने में क्या हर्ज है, अगर वीआईपी और हम महागठबंधन में वापस आते हैं, तो हम ये सुनिश्चित कर सकते हैं कि उन्हें ज्यादा फायदा मिल सकता है, जो एनडीए में कभी नहीं मिलेगा।
ओवैसी ने किया खेल खराब
दूसरी ओर एआईएमआईएम किसी भी मामले में राजद को समर्थन करने के लिये तैयार है, वीआईपी के एक सूत्र ने राजद के ऑपर की पुष्टि की, हालांकि उन्होने संकेत दिया कि पाला बदलने की संभावना नहीं है, हमें डिप्टी सीएम तथा एक मंत्री पद की पेशकश की जा रही है, हमने अपने नेताओं के साथ इस पर चर्चा की है। सूत्र ने कहा कि राजद ने हमें त्याग दिया था, जो एनडीए ने सहारा दिया, साथ ही अगर इतनी जल्दी पाला बदलेंगे, तो हमारे कैडर में गलत संदेश जाएगा, एक हम नेता ने भी राजद के ऑफर की पुष्टि की, हम नेता ने कहा कि राजद में वापस जाने का सवाल ही नहीं है, हम अभी तक अपना अपमान भूले नहीं हैं।
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