char dham yatra 2020 guidelines: देवभूमि उत्तराखंड में स्थित चार धाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के कपाट खुल चुके हैं. लेकिन कोरोना की वजह से लोगों को इस बार भगवान के दर्शन करने से रोका गया था. पर अब राज्य सरकार ने पूरे देश की जनता के लिए भगवान के द्वार खोल दिए हैं. जिसके साथ एक शर्त भी रखी गई है. यानि, अगर आप देवभूमि के चार धामों की यात्रा करना चाहते हैं तो आपको उन सभी नियमों का पालन करना होगा जिन्हें सरकार ने बनाया है. तो चलिए बताते हैं आपको चार धाम यात्रा करने के लिए नियम और शर्तें.
चार धाम यात्रा के नियम और शर्तें
राज्य सरकार ने देश की जनता के लिए चार धामों के कपाट खोल दिए हैं. पर यात्रा की पहली शर्त ये है कि, यात्री कोरोना नेगेटिव होना चाहिए और टेस्ट रिपोर्ट पुरानी नहीं बल्कि 72 घंटे के भीतर या उससे पूर्व की होनी चाहिए. यात्रा के दौरान यात्रियों को अपनी कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट को साथ रखना होगा. इसके अलावा जो यात्री प्रदेश के बाहर से होंगे उन्हें आईसीएमआर द्वारा अधिकृत लैब से ही कोविड-19 यानी आरटी पीसीआर टेस्ट ही स्वीकृत होंगे.
चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर रविनाथ रमन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नियमों और शर्तों की बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, सभी लोगों को अपने जरूरी दस्तावेजों को देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा और उसके बाद ही रजिस्ट्रेशन होगा. वहीं से यात्रियों को यात्रा पर जाने के लिए पास मिल जाएगा. एक तरह से इसे आप लॉकडाउन पास समझ सकते हैं जो एक राज्य से दूसरे राज्य जाने के लिए बनवाना पड़ता था.
जरूरी चीजों को रखें साथ
यात्रा के दौरान कोरोना टेस्ट रिपोर्ट के साथ फोटो आईडी भी रखना जरूरी है जो ओरिजनल होना चाहिए. अगर कोई यात्री यात्रा पर जाने का इच्छुक है और 72 घंटे पहले टेस्ट नहीं कराता तो उस स्थिति में उसे पहले क्वारंटाइन किया जाएगा. यानि उसे कोविड-19 के सारे नियमों का पालन करने के बाद यात्रा पर जाने की परमिशन दी जाएगी.
मालूम हो कि, राज्य की त्रिवेंद्र सरकार ने पहले सिर्फ प्रदेश के नागरिकों को ही चारधाम यात्रा करने की इजाजत दी थी. लेकिन अब अन्य राज्यों के नागरिकों को भी अनुमित दी गई है. जिसके लिए सबको नियमों और शर्तों को मानना अनिवार्य होगा.
ये भी पढ़ेंः- लाटू देवता नहीं देते भक्तों को दर्शन, साल में 1 दिन खुलता है मंदिर, पुजारियों को भी लगता है डर